ग्राम पंचायत बगुड़ेगा में “स्वच्छ भारत मिशन” योजना कि राशि को सरपंच-सचिव के द्वारा किया गया बंदर बांट ???

. रायगढ़ रिपोर्टर न्यूज लैलूंगा :- रायगढ़ जिले के विकास खण्ड लैलूंगा के सुदूर अंचल में बसे ग्राम पंचायत बगुडेगा का नाम तो हर किसी नेे सुना ही होगा। यह गाँव रायगढ़ जिले के जनपद पंचायत लैलूंगा से पश्चिम दिशा की ओर पत्थलगाँव मार्ग पर स्थित है। जहाँ लगभग 3500 से 4000 के आसपास जनसंख्या है, तथा 2500 मतदाता हैं। यहाँ विभिन्न जाति तथा जनजातियाों के लोग निवास करते हैं। यहाँ लगभग पारा टोला मिलाकर 12 -15 मुहल्ले हैं। जिसमें से बगुड़ेगा मुख्य बस्ती सिवांरपारा, लखपहरी, लाखनपारा, नावापारा, सुवारपारा, रैंहापारा, ठिर्रीआमा, सुकबासू पारा, जगवापारा, ढोढीपारा, फिटिंगपारा, चोकपारा, सरजपारा, ईमलीपारा, के साथ और दो तीन पारा मुहल्ला सम्मिलित है। जिसमें ग्राम पंचायत के द्वारा शौचालय का निर्माण कराया जाना था। स्वक्च्छ भारत मिशन योजना के तहत शौचालय निर्माण के नाम पर पूर्व सरपंच तथा सचिव के साथ मिलकर किया गया लाखों रूपये भ्रष्टाचार ? ग्राम पंचायत बगुडेगा के अधिकांश घरों में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय का निर्माण हुआ ही नहीं और कागजी दस्तावेज में प्रायः सभी घरों मे शौचालय निर्माण होना बता कर फर्जी फोटो खींचकर दस्तावेज तैयार कर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “स्वच्छ भारत मिशन” की राशि का खुले आम भ्रष्टाचार कर लाखों रूपये का बंदर बांट किया गया है?आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिसके – जिसके नाम पर शौचालय निर्माण किया गया है। दरअसल उनके घर में आज पर्यंत शौचालय का निर्माण कराया ही नही गया है। और सरकारी आंकड़ों कि यदि बात की जाये तो बहुत सारे हितग्राहियों के नाम पर शौचालय का निर्माण हो गया है। तो कहीं न कहीं एक बड़े तथा व्यापक पैमाने की भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है। जो कि एक गंभीर जाँच का विषय है।
आपको यह भी बताना लाजिमी होगा की ग्राम पंचायत बगुड़ेगा तथा उसके आश्रित पारा, टोला, मुहल्ला सभी जगह “पंचायत टुडे” की टीम ने घुम – घुम सर्वे किया है। किन्तु किसी – किसी के इने गिने घर में ही आधे अधूरे शौचालय देखने को मिला। वह भी टूट फूट कर जीर्णशीर्ण अवस्था में पाया गया है। वहीं ग्रामीणों से इस बात की तस्दीक करने पर उन्होंने ने बताया की वे शौचालय नहीं होने कि वजह से गाँव के अधिकांश लोग गाँव के बाहर खुले में तलाब के किनारे या अपने बाड़ी – झाड़ी में शौच करके अपना निरस्तारी चलाते हैं। जहाँ गाँव के कुछ बुद्धि जीवि वर्ग के लोग अपने से भी शौचालय का़ निर्माण कराये हैं। जिन्हें पंचायत की ओर प्रतिहिग्राही 12.000 रूपये का प्रोत्साहन राशि देने का बात कहा गया था।
परन्तु वह भी उन्हें नसीब हुआ है। यह तो है, भारत सरकार की “स्वच्छ भारत मिशन” योजना की धरातल की हकीकत। अब यह देखना होगा कि समाचार प्रकाशित होने के बाद शायद शासन – प्रशासन संज्ञान में ले और उच्चस्तरीय जाँच कमेटी बनाकर जाँच कराये और दोषियों पर कार्यवाही हो और ग्रामीणों को शौचालय कि समस्या से निजात मिल सके।