एनटीपीसी प्रभावितों से मिलने छपोरा नहीं जाएंगे सीएम, अधिकारियों ने रातोरात बदला प्रोटोकॉल

. हंगामे के डर से अधिकारियों ने बदला सीएम का प्रोटोकॉल
रायगढ। दो दिवसीय दौरे पर रायगढ़ जिला पहुंचे सूबे के मुखिया भूपेश बघेल आज रविवार को पुसौर ब्लाक के छपोरा जाने वाले थे लेकिन अधिकारियों ने उनका प्रोटोकॉल बदल दिया। बताया जा रहा है कि एनटीपीसी प्रभावित नौजवान युवक लगातार तीन महीने से नौकरी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, अधिकारियों को हंगामे के आसार नजर आ रहे थे यही कारण है कि सीएम के दौरे को बदलकर बंगुरसिया जुनवानी कर दिया गया। यहां बता दें कि वर्ष 2012 में पुसौर ब्लाक के ग्राम लारा में एनटीपीसी की 4 हजार मेगावाट प्लांट की स्थापना का काम चल रहा है। एनटीपीसी की 1 हजार युनिट शुरू भी हो चुकी है लेकिन 6 साल बीतने के बाद भी आदर्श पुर्नवास नीति के तहत ना तो प्रभावितों को नौकरी दिया गया और न ही उन्हें एक मुस्त बोनस की राशि दी गई। प्रभावित परिवार लगातार 8 सालों से आंदोलन करते आ रहे हैं यहां बताना लाजिमी होगा कि भाजपा शासन में विपक्ष में रही कांग्रेस ने एनटीपीसी प्रभावित परिवारों के एक सदस्य को नौकरी दिलाने का वायदा किया था जिसके कारण एनटीपीसी प्रभावितों ने कांग्रेस को वोट भी दिया था। लेकिन सरकार बनने के 2 साल बाद भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अब तक एनटीपीसी प्रभावितों की सुध नहीं ली है। भाजपा शासनकाल में लगातार 6 साल तक प्रभावित युवकों ने तरह-तरह के आंदोलन किए इसके बाद भाजपा के बाद कांग्रेस के 2 साल के शासन के बाद युवकों ने फिर से छपोरा में लगातार तीन महीने से आंदोलन कर रहे हैं मुख्यमंत्री के शुरुआत के प्रोग्राम में रायगढ़ दौरे के बाद पुसौर के छपोरा जाना प्रस्तावित था लेकिन छपोरा में आंदोलन की स्थिति को देखते हुए अधिकारियों ने सीएम के प्रोटोकाल को बदल दिया। अब मुख्यमंत्री बंगुरसिया और जुनवानी का दौरा करेंगे। यानी पुसौर ब्लॉक के छपोरा नहीं जाएंगे। अधिकारियों के एकाएक प्रोटोकॉल में फेरबदल कर देंने से प्रभावितों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। साथ ही बदले गए प्रोटोकॉल की जानकारी पत्रकारों को भी नहीं दिया गया। सीएम के आगमन पर एनटीपीसी प्रभावितों को उनके समस्या का हल होने की आस थी लेकिन प्रोटोकाल चेंज करने से उनकी आस धरी रह गई।